Skip to main content

Linux versions Wikipedia

Linux version   wikip.       GeniusJarvis.blogspot.com.                                               
विकिपीडिया
लिनक्स यूनिक्स जैसा एक प्रचालन तन्त्र है। यह ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर अथवा मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का सबसे कामयाब तथा सबसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर है। यह जीपीएल v 2 लाइसेंस के अन्तर्गत सर्व साधारण के उपयोग हेतु उपलब्ध है और इसका कुछ भाग यूनिक्स से प्रेरित है।मूलतः यह मिनिक्स का विकास कर बनाया गया है। यूनिक्स का विकास, 1960 के दशक में ऐ.टी.&टी. की बेल प्रयोगशालाके द्वारा किया गया। उस समय ऐ.टी.&टी. कम्पनी एक नियंत्रित इजारेदारी थी इसलिए वह कमप्यूटर का सौफ्टवेयर नही बेंच सकती थी। उसने इसे, सोर्स कोड के साथ, बिना शर्त, सरकार तथा विश्वविद्यालयों को दे दिया, वे चाहे तो उसमें फेरबदल कर सकते हैं। 1980 के दशक के आते आते यूनिक्स सबसे लोकप्रिय, शक्ति शाली, एवं स्थिर औपरेटिंग सिस्टम बन गया हालांकि उस समय तक उसके कई रूपान्तर आ चुके थे।
लिनक्स
GNU and Tux.svg
Ubuntu 16.04 Desktop.png
उबन्टू 16.04 लिन्क्स का एक अत्यन्त लोकप्रिय वितरण है।[1]
विकासकबहुल
Written inअनेक भाषाओं में
प्रचालन तंत्र परिवारयूनिक्स जैसा
कार्यकारी स्थितिचालू
स्रोत प्रतिरूपमुक्त
प्रारम्भिक रिलीज़१९९१
बाजार लक्ष्यव्यक्तिगत संगणक, इम्बेडेड युक्तियाँ, मोबाइल युक्तियाँ, सर्वर
में उपलब्धबहुभाषीय
प्लेटफॉर्मDEC AlphaARMAVR32BlackfinETRAX CRISFR-VH8/300HexagonItaniumM32Rm68kMicroblazeMIPSMN103OpenRISCPA-RISCPowerPCs390S+coreSuperHSPARCTILE64Unicore32x86Xtensa
कर्नेल का प्रकारमोनोलिथिक
उपयोक्ता स्थानVarious
प्राथमिक यूज़र इंटरफ़ेसबहुल
लाइसेंसबहुल[2] ("Linux" trademark owned by Linus Torvalds[3] and administered by the Linux Mark Institute)
यूनिक्स में एक कमी थी - इसको समझना तथा चलाना मुश्किल है। एंड्रयू टेनेनबामऐमस्टरडैम में कंप्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर हैं। उन्होंने इसकी सहायता के लिए मिनिक्स नाम का प्रोग्राम लिखा। इसमें भी कुछ कमियाँ थीं। लिनूस टोरवाल्ड फिनलैण्ड के हेलसिन्की विश्‍वविद्यालय में कमप्यूटर विज्ञान के छात्र थे। उन्होंने मिनिक्स की कमी को दूर करने के लिए एक प्रोग्राम लिखा जो कि बाद में ‘लिनूस का यूनिक्स’ या छोटे में लिनक्स कहलाया। इसका सबसे पहला कोर या करनल उन्होने 1991 में इन्टरनेट में पोस्ट किया। तब तक रिचर्ड स्टालमेन का 'ग्नू' प्रोजेक्ट शुरू हो चुका था। लिनूस टोरवाल्ड ने इससे बहुत सारे प्रोग्राम अपने लिनक्स में लिए। इसलिए रिचर्ड स्टालमेन का कहना है। कि इसे 'ग्न्यू-लिनक्स' (GNU-Linux) कहना चाहिये। पर यह नाम, शायद लम्बा रहने के कारण चल नहीं पाया। पर इसका अर्थ यह नहीं हैं कि लिनक्स की सफलता में ग्न्यू प्रोजेक्ट का हाथ नहीं है। ग्न्यू प्रोजेक्ट के बिना लिनक्स सम्भव नहीं था।

इतिहाससंपादित करें

लिनक्स का इतिहाससंपादित करें

यूनिक्स प्रचालन तन्त्र की कल्पना 1969 में संयुक्त राज्य अमेरिका में एटी एंड टी के बेल प्रयोगशालाओं में केन थॉम्पसन, डेनिस रिची, डगलस मैक्लॉयय और जो ओस्सान द्वारा की गई थी और लागू की गई थी। यूनिक्स पहली बार 1971 में रिलीज हुआ, और पूरी तरह से असेंबली भाषा में लिखा गया था, जैसा कि उस समय आम अभ्यास था। बाद में, 1973 में एक प्रमुख अग्रणी दृष्टिकोण में, इसे डेनिस रिची द्वारा कुछ प्रोग्रामिंग भाषा में लिखा गया था (कुछ हार्डवेयर और आई / ओ रूटीन के अपवाद के साथ)। यूनिक्स के उच्च स्तरीय भाषा कार्यान्वयन की उपलब्धता ने विभिन्न कंप्यूटर प्लेटफार्मों को अपने पोर्टिंग को आसान बना दिया।
कंप्यूटर एंटरप्राइज मामले में प्रवेश करने से पहले किसी एंटीट्रस्ट मामले के कारण, एटी एंड टी को प्रचालन तन्त्र के स्रोत कोड को किसी भी व्यक्ति को लाइसेंस देने की आवश्यकता थी। नतीजतन, यूनिक्स जल्दी बढ़ गया और अकादमिक संस्थानों और व्यवसायों द्वारा व्यापक रूप से अपनाया गया। 1984 में, एटी एंड टी ने बेल लैब्स को खुद को विभाजित कर दिया; नि: शुल्क लाइसेंसिंग की आवश्यकता वाले कानूनी दायित्व से मुक्त, बेल लैब्स ने यूनिक्स को मालिकाना उत्पाद के रूप में बेचना शुरू किया, जहां उपयोगकर्ताओं को कानूनी रूप से यूनिक्स को संशोधित करने की अनुमति नहीं थी। रिचर्ड स्टॉलमैन द्वारा 1983 में शुरू हुई जीएनयू परियोजना का लक्ष्य "पूर्ण यूनिक्स-संगत सॉफ्टवेयर सिस्टम" बनाने का लक्ष्य था जो पूरी तरह से मुफ्त सॉफ्टवेयर से बना था। 1 9 84 में काम शुरू हुआ। बाद में, 1985 में, स्टालमैन ने फ्री सॉफ्टवेयर फाउंडेशन की शुरुआत की और 1989 में जीएनयू जनरल पब्लिक लाइसेंस (जीएनयू जीपीएल) लिखा। 1990 के दशक के आरंभ तक, एक प्रचालन तन्त्र (जैसे पुस्तकालयों, कंपाइलर्स) में आवश्यक कई कार्यक्रम , टेक्स्ट एडिटर्स, यूनिक्स शैल, और एक विंडोिंग सिस्टम) पूरा हो गए थे, हालांकि डिवाइस ड्राइवर, डेमॉन और कर्नेल, जिन्हें जीएनयू / हर्ड कहा जाता है, निम्न स्तर के तत्वों को रोक दिया गया था और अधूरा था।
लिनस टोरवाल्ड्स ने कहा है कि यदि उस समय (1991) जीएनयू कर्नेल उपलब्ध तो, उसने अपना खुद का लिखने का फैसला नहीं किया होगा।
मिनीिक्स का निर्माण कंप्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर एंड्रयू एस तनेंबाम ने किया था, और 1987 में छात्रों और अन्य लोगों को लक्षित यूनिक्स जैसे प्रचालन तन्त्र के रूप में जारी किया गया था जो प्रचालन तन्त्र के सिद्धांतों को सीखना चाहते थे। हालांकि MINIX का पूरा स्रोत कोड स्वतंत्र रूप से उपलब्ध था, लाइसेंसिंग शर्तों ने अप्रैल 2000 में लाइसेंसिंग बदलने तक इसे मुफ्त सॉफ्टवेयर होने से रोका।
लिनक्स के कर्नेल का मुख्य रचनाकार लाइनस तोर्वाल्द्स

लिनक्स पूर्व प्रचालन तन्त्र्ससंपादित करें

लिनक्स का जन्मसंपादित करें

लिनक्स का नामकरणसंपादित करें

व्यावसायिक तथा लोकप्रिय विस्तारसंपादित करें

वर्तमान प्रगतिसंपादित करें

करनल, डिस्ट्रीब्यूशन, डेस्कटॉपसंपादित करें

उबण्टू, लिनक्स का अत्यन्त लोकप्रिय रूप (डिस्ट्रिब्यूशन) है।
लिनक्स मिंट , लिनक्स का अत्यन्त लोकप्रिय रूप (डिस्ट्रिब्यूशन) है।
लगभग सभी प्रकार के हार्डवेयर के लिये लिनक्स उपलब्ध है।
लिनक्स का कोई भी आफिस नहीं है, कोई भी कम्पनी या व्यक्ति इसका मालिक नहीं है। पर दुनिया भर के प्रोग्रामर इसमें अपना योगदान देते हैं। दुनिया के इतिहास में इससे बडा, इस प्रकार का आन्दोलन, कभी नहीं हुआ। वह भी जो एक अमेरिका से बाहर के विश्वविद्यालय के छात्र ने शुरू किया। क्योंकि कमप्यूटर विज्ञान में नयी दिशायें दिखाने का वर्चस्व तो केवल अमेरिका का था।
लिनक्स के सौफ्टवेयर के लिए प्रायौगिक तौर पर पैसा नहीं लिया जा सकता, पर इसका मतलब यह नहीं है कि इससे पैसा नहीं कमाया जा सकता। बहुत सारी कम्पनियाँ इस पर सर्विस देकर पैसा कमा रही हैं और चल रही हैं। रेड हैट तथा सूसे (नौवल) इनमें मुख्य हैं।
लिनक्स के तीन स्तर हैं -

करनलसंपादित करें

  • करनल या कोर: करनल से सीधे कमप्यूटर नहीं चलाया जा सकता उसे चलाने से पहले कमपाईल करना पड़ता है। लिनक्स करनल को लिनूस टोरवाल्डस देखते हैं।

डेस्कटॉपसंपादित करें

  • डेस्कटॉप : आपके कमप्यूटर में औपरेटिंग सिस्टम किस प्रकार से दिखे उसमें अलग अलग काम करने वाले सौफटवेयर किस प्रकार से चले यह डेस्कटौप पर निर्भर करता है। कई तरह के डेस्कटौप हैं पर नोम तथा के.डी.ई.मुख्य हैं।

डिस्ट्रीब्यूशनसंपादित करें

  • डिस्ट्रीब्यूशन: किसी करनल से कमप्यूटर चलाने के लिए पहले उसे कमपाईल करना पड़ता है। तब वह चलता है। यह कार्य डिस्‍ट्रीब्‍यूशन करते हैं इस तरह के लगभग 100 डिस्ट्रीब्‍यूशन हैं जिसमें रेड हैटसूसे (नौवल) तथा मैनड्रिवा मुख्य हैं। हर डिस्‍ट्रीब्‍यूशन में कम से कम नोम तथा के.डी.ई. दोनो डेस्कटौप रहते हैं।

लिनक्स - मुकदमेसंपादित करें

ए.टी.&टी. ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालयबरकले को यूनिक्स का सोर्स कोड शुरू में दिया था। इस विश्वविद्यालय ने उस पर कार्य किया तथा इसे काफी आगे बढाया। विश्वविद्यालय ने इसका अपना रूप भी निकाला जो कि बरकले सौफटवेर डिस्ट्रीब्यूशन के नाम से प्रसिद्ध है। यह ओपेन सोर्स है। ए.टी.&टी. कम्पनी 1984 में टूट गई तथा इसके एक हिस्से के पास कमप्यूटर का काम आया जिसे कमप्यूटर के व्यापार करने की स्वतंत्रता थी।
ए.टी.&टी. के इस अलग घटक ने अपना व्यापारिक यूनिक्स निकाला| इस व्यापारिक यूनिक्स तथा विश्वविद्यालय के बी.एस.डी. यूनिक्स में होड़ होने लगी तब ए.टी.&टी. ने विश्वविद्यालय पर एक मुकदमा दायर किया कि केवल ए.टी.&टी. यूनिक्स के बौद्धिक सम्पदा अधिकार की मालिक है।। विश्वविद्यालय का कहना था कि उसे बी.एस.डी. यूनिक्स वितरण करने का हक है, क्योंकि इस पर उसने भी बहुत काम किया है। 1993 में ए.टी.&टी. के इस घटक ने नौवलको यूनिक्स का व्यापार बेच दिया तथा 1995 में नौवल तथा विश्वविद्यालय के बीच मुकदमे में सुलह हो गई। लेकिन उसकी क्या शर्ते हैं यह किसी को मालूम नहीं है।
इस समय लिनक्स से सम्बन्धित मुख्य रूप से पांच मुकदमे चल रहे हैं। यह मुकदमें क्यों चल रहे हैं, इसके बारे में कई अटकलें ईन्टरनेट पर हैं।

एस.सी.ओ. बनाम आई.बी.एम.संपादित करें

कैलडरा कम्पनी, पहले इसी नाम से लिनक्स का एक डिस्ट्रीब्यूशन निकालती थी यह बहुत सफल नहीं था - कम से कम रेड हैट, सूसे (नौवल) तथा मैनड्रिवा के जितना तो नहीं| कैलडरा बाद में सैन्टा क्रूज औपरेशन (एस.सी.ओ.) हो गई| एस.सी.ओ. का कहना है। कि उसने नौवल से यूनिक्स के बौद्धिक सम्पदा अधिकार खरीद लिए हैं तथा उसने यूनिक्स का एक्स (ए.आई.ऐक्स) नाम का रूपान्तर निकालने लगी जिसे उसने आई.बी.एम. को दिया है। एस.सी.ओ. ने 2003 में एक मुकदमा आई.बी.एम. पर यह कहते हुये दायर किया कि -
  • आई.बी.एम. ने एस.सी.ओ. के ट्रेड सीक्रेट का हनन किया है।
  • आई.बी.एम. ने ऐक्स यूनिक्‍स का सोर्स कोड लिनक्स में मिला दिया है।
  • आई.बी.एम. ने एस.सी.ओ. के साथ ऐक्‍स के बारे में हुई संविदा का उल्लंघन किया है।
आई.बी.एम. ने इस मुकदमें में अपना उल्टा क्लेम दाखिल किया है। कि
  • आई.बी.एम. ने ऐक्स का कोई सोर्स कोड लिनक्स में नहीं मिलाया है।
  • उसने एस.सी.ओ. की संविदा को नहीं तोडा है।
  • संविदा तो एस.सी.ओ. ने तोडी है।।

एस.सी.ओ. बनाम नौवलसंपादित करें

यह स्पष्ट नहीं है, कि नौवल ने एस.सी.ओ. को क्या बेचा क्योंकि नौवल के अनुसार उसने एस.सी.ओ. को यूनिक्स के बौद्धिक सम्पदा अधिकार नहीं बेचे हैं। उसने एस.सी.ओ. को केवल यूनिक्स का विकास करने तथा दूसरे को लाइसेंस देने का अधिकार दिया था। इस पर एस. सी. ओ. ने एक मुकदमा नौवल पर चलाया है। कि,
  • नौवल गलत कह रहा है। कि एस.सी.ओ. यूनिक्स के बौद्धिक सम्‍पदा अधिकार का मालिक नहीं है;
  • नौवल का यह कहना कि नौवल यूनिक्स के बौद्धिक सम्पदा अधिकारों का मालिक है। एस.सी.ओ. के व्यापार में रूकावट डाल रहा है। उसे रोका जाय;
  • इस बात कि घोषणा की जाय कि एस.सी.ओ. यूनिक्स के बौद्धिक सम्पपदा अधिकार का मालिक है। न कि नौवल;
  • उसे नौवल से हर्जाना दिलवाया जाय|

3-4. एस.सी.ओ. बनाम ओटोजोनतथा डैमलर क्राईसलरसंपादित करें

एस.सी.ओ. ने १५०० कम्पनियों को नोटिस भेजा है। कि,
  • वे लिनक्स प्रयोग करने से पहले उससे लाइसेंस ले लें; और
  • वह देखें कि यूनिक्स का कोड ओपेन सोर्स सौफटवेर से न मिल जाय।
उसने ओटोजोन तथा डैमलर क्राईसलर के खिलाफ अलग अलग मुकदमे अपने अधिकार के उल्लंघन के बारे में दायर किये हैं। डैमलर काईसलर के खिलाफ मुकदमा, अंशत: 9 अगस्त 2004 को खारिज हो गया। फिर मुकदमा 21 दिसंबर 2004 को यह कहते हुये खारिज हो गया कि वह पुन: दूसरा मुकदमा तब तक नहीं ला सकते हैं जब तक डैमलर क्राईसलर के पहले मुकदमे का सारा खर्चा न अदा कर दें। एस.सी.ओ. ने इसके खिलाफ अपील प्रस्‍तुत कर रखी है।।

रेड हैट बनाम एस.सी.ओ.संपादित करें

रेड हैट लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी है। इसने एक मुकदमा इसलिए दायर किया है कि *घोषणा की जाय कि उसने लिनक्स को वितरण करने में एस.सी.ओ. के किसी भी अधिकार का अतिक्रमण नहीं किया है।
यह कहना मुश्किल है। कि इन मुकदमों में क्या होगा। यह इन पर आयी गवाही पर निर्भर करेगा| सारे मुकदमे एस.सी.ओ . बनाम आई.बी.एम. के मुकदमे के निर्णय पर निर्भर करेंगे। बहुत सी प्रमुख कम्पनियाँ लिनक्स को अपना रही हैं। इनमें आई.बी.एम., रेड हैट, तथा एच.पी. मुख्य हैं इन्होने इन मुकदमो को मद्दे नज़र रखते हुये, अपने खरीदारों को कहा है। कि यदि यह पाया जाता है। कि उनके कोई भी सौफ्टवेर किसी के बौद्धिक सम्‍पदा अधिकारों का अतिक्रमण कर रहे हैं तो वे न ही उसके पूरे हर्जाने की क्षतिपूर्ति करेंगे पर उन्हें नया सौफ्टवेर बना कर देगें।

लिनक्स ट्रेडमार्क – मुकदमासंपादित करें

लिनक्स, लिनूस टोरवाल्ड का ट्रेडमार्क है और इस समय लिनूस टोरवाल्ड की तरफ से, लिनक्स मार्क इंस्टिट्यूट(एल.एम.आई.) इस नाम के प्रबन्ध का कार्य देखते हैं।
1994 में डेला क्रोस नामक व्यक्ति ने लिनक्स नाम पर अमेरिका में ट्रेडमार्क ले लिया। उसने लिनक्स बेचने वाली कम्पनियों को नोटिस भेजने शुरू किये कि वे उससे लाईसेन्स ले लें। लिनूस टोरवाल्ड और लिनक्स से सम्बन्ध रखने वाली कम्पनियों ने उस पर एक मुक्दमा चलाया| 1997 मई इस मुकदमे में एक सम्झौते के अनुसार, लिनक्स नाम का ट्रेडमार्क लिनूस टोरवाल्ड को दे दिया गया| उसके पश्चात, लिनक्स नाम का गलत प्रयोग न हो इसके लिए लिनूस टोरवाल्ड ने इस नाम के प्रबन्ध करने के कार्य की जिम्मेवारी एल.एम.आई. को दे दी| एल.एम.आई. लिनक्स नाम का प्रयोग करने के लिए लाईसेन्स देती है। लिनूस टोरवाल्ड ने इस बारे में एक ब्यान भी जारी किया है। जो कि यहाँ पर देखा जा सकता

हिन्दी समर्थनसंपादित करें

लिनक्स प्रचालन तन्त्र में हिन्दी प्रदर्शन एवं टंकण हेतु पूर्ण समर्थन उपलब्ध है। हिन्दी टंकण हेतु इसमें हिन्दी का मानक कीबोर्ड इन्स्क्रिप्ट अन्तर्निर्मित होता है। इसके अतिरिक्त फोनेटिक टाइपिंग हेतु स्किम के द्वारा कीबोर्ड जोड़ा जा सकता है।
लिनक्स का पूर्णतया हिन्दीकरण हो चुका है। इण्डलिनक्सनामक संस्था इस दिशा में कार्यरत है। इसके प्रयासों से लिनक्स के इण्टरफेस सहित सम्पूर्ण प्रचालन तन्त्र हिन्दी में अनुवादित किया जा चुका है।

चित्र दीर्घासंपादित करें

सन्दर्भसंपादित करें

  1.  Linux Online (2008). "Linux Logos and Mascots". अभिगमन तिथि 2009-08-11.
  2.  "Debian GNU/Linux Licenses". Ohloh. अभिगमन तिथि 2009-03-27.
  3.  "U.S. Reg No: 1916230". United States Patent and Trademark Office. अभिगमन तिथि 2006-04-01.

यह भी देखिएसंपादित करें

  • लिनूस टोरवाल की आत्म कहानी Just for fun: The story of an Accidental Revolutionary
यह बहुत अच्छी तथा प्रेरणादायक पुस्तक है। इसमें कुछ चैप्टर बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के बारे में हैं। यह कुछ हमारे पुरातन विचारो से मेल खाते हैं और पश्चिम के समाज पर जिस तरह से इन अधिकारों की परिभाषा तथा व्याख्या की जाती है। उस पर नयी तरह से प्रकाश डालती है।

बाहरी कड़ियाँसंपादित करें

Comments

Popular posts from this blog

Top 10 software company in the world 2019

Top 10  software company  in the world  2019.                             GeniusJarvis.blogspot.com .                                           Top 10 Largest IT and Software Companies in the World (2019) May 13, 2019   Ahmed Top Listed 0 Comments         3.7 (20) As technology endure to improve the future of how we develop business, it has become significant to develop relationships with worldwide tech brands. Just think once- Will be able to get information about  Top 10 Information Technology Companies in the world  today without access of the internet? Possibly your answer is ‘NO’ or ‘Not so easy as internet’. We’ve done the hard work and number creaking to provide you with the widest list of largest software c...

Birth certificate Wikipedia in up

 Birth certificate Wikipedia in up.                                                             celindiya.blogspot.com .                                                Open main menu Search National Register of Citizens of India Read in another language Watch this page Edit The logo used by NRC, Assam The  National Register of Citizens (NRC) (ৰাষ্ট্ৰীয় নাগৰিক পঞ্জীকৰণ) is a register containing names of all genuine  Indian citizens. The register was first prepared after the 1951 Census of India.  [1] [2]   Census of India . [3] The NRC is now being updated in Assam to include the names of those persons (or their descendants) who appear in the NRC, 1951...

Get sllabus from this top 5 University

Get sllabus for learn hacking to here top 5.                                                                                           vpnMentor vpnMentor     Blog     The Top 5 Places to Learn Ethical Hacking Online in 2019 Blog Views: 12,899,621 Posts: 1,311 Follow our experts 12932 8343 Best VPNs by Category   Best VPNs Overall   Best VPNs for Mac   Best VPNs for iOS   Best VPNs for Torrents   Best VPNs for Windows   Best VPNs for Android   Best VPNs for USA  VPN Blog Posts   How to Watch Disney+ Online Anywhere in 2019   How to Use WhatsApp in China – Complete Guide 2019   5 Best FREE VPNs for Mac...